तिरुपति बालाजी, जिन्हें भगवान वेंकटेश्वर, श्रीनिवास, गोविंदा या बालाजी के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित तिरुमाला पहाड़ियों पर स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर के देवता हैं।
यह मंदिर न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में अपनी भव्यता, समृद्धि और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। भगवान वेंकटेश्वर की कथा पुराणों में विस्तृत रूप से वर्णित है और यह कथा बहुत ही प्रेरणादायक और भक्ति से परिपूर्ण है।
कथा के अनुसार, एक बार देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु से नाराज होकर वैकुंठ छोड़कर पृथ्वी पर चली गईं। विष्णु जी अपने प्रिय देवी लक्ष्मी को मनाने के लिए उनके पीछे-पीछे पृथ्वी पर आए और कई कठिनाइयों का सामना किया।
माता लक्ष्मी के त्याग के कारण भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर वेंकटेश्वर के रूप में अवतार लिया और तिरुमाला पहाड़ियों पर वास किया।
भगवान वेंकटेश्वर ने एक तपस्वी के रूप में तिरुमाला पहाड़ियों पर कठोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ब्रह्मा और भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और धन, ऐश्वर्य, और समृद्धि का आशीर्वाद दिया।
उनकी तपस्या का प्रभाव इतना अधिक था कि वहाँ के सारे देवता और ऋषि-मुनि भी उनकी पूजा करने लगे।